बुधवार, अक्तूबर 09, 2013

तो फिर युद्ध कौन करता है 12

 
दोस्तो

कुछ कविताएं आपके लिए कुछ पुरानी हैं कुछ नई हैं। यह एक कवि गोष्ठी में पढ़ने के लिए चयनित की थीं। सोचा बंच में आपसे भी शेयर की जाएं। आपकी खरी प्रतिक्रिया का इंतजार है...
चलते चलते

चलते चलते रुकते रुकते
सफर ये तेरा पूरा हो

टूट के गिरता बादल पानी
बहता दरिया पूरा हो

महक रही है धूप सुनहरी
दिन ये तेरा पूरा हो

खिड़की में मुस्कान रखी है
घर ये तेरा पूरा हो

तेल मसाले कम और ज्यादा
छौंक तो तेरा पूरा हो

कार के आगे उड़ती तितली
जंगल तेरा पूरा हो

सड़कें जलती आग सरीखी
एसी तेरा पूरा हो

महीना निकले या अटके लेकिन
वेतन तेरा पूरा हो



 पूरा दिन




दिन ने मुझे इस कदर काम पे लगाया
मैं भाग के रात की गोद में छुप गया

सुबह पिता की अंगुली थी
पकड़ के बचपन गुजर गया

भागता हुआ जाता है दिन का छोर
मेरे हिस्से में रह जाती है थकावट भरी शाम

काम का पूरा दिन सिर पर खड़ा रहता है
बाजारों की भागदौड़ में चमकती दोपहर
मेरी पीठ पर सलीब सी टंग जाती है


मैं खींचता हूं पूरा दिन रोशनी से लहुलुहान
सूरज के घोड़े की तरह मैं दौड़ता हूं दुनिया में



 आजादी

सबसे कठिन है आजाद होने की घोषणा करना
आजाद हो जाना आदमी की सबसे बड़ी जिÞम्मेदारी है


 आजादी  माँगना सबसे बड़े भय का सामना करना है
जब हवाएँ सबको एक तरफÞ ले जा रही हो

प्रयत्नों के तिनके छोड़ कर
लोग खाली हाथों को लहराने लगें
तब कठिन हो जाता है आजÞादी की सीमा बताना
जब गुलामी को आजÞादी बताया जा चुका हो
जÞरूरत होती है ऐसी आजÞादी को पहचानना

अपनी आजादी की घोषणा
दुनिया की सबसे बड़ी कीमत चुकाने की शुरुआत है
ये शुरुआत किसी भी क्षण की जा सकती है
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कीमत

कीमत केवल शर्ट की नहीं होती
समय परिश्रम सीने में रखे ईमान और जीने की इच्छा का
उसमें शामिल होना जÞरूरी है
बहुत कम चीजÞों की कीमत रुपयों में होती है
हम ज़्यादातर चीजÞो की कीमतें अपने होने से चुकाते हैं

हमें भोर की लालिमा के लिए चुकाना होती है
मीठी नींद और बिस्तर की ऊब
चाँद को देखने के लिए शहर से बाहर जाने की कीमत
कार में बैठे कर काँच लगाने और सफÞर करने के लिए
हमें कीमत चुकाना होती है।

नदी के किनारे पर जाने और नहीं जाने के लिए
संगीतकार को सुनने और नहीं सुनने के लिए
चित्रकार के चित्रों को देखने और नहीं देखने के लिए
कविता को सुनने और नहीं सुनने के लिए
काम करने और नहीं करने की कीमत चुकाना होती है
हमें अपने होने के लिए एक एक सांस देना पड़ती है

पेड़ों की छाँव पाने के लिए
हवाओं में लहराने के लिए
धरती पर एक कदम चलने की कीमत चुकाना होती है
संसार में कुछ भी बेशकीमती नहीं है
कुछ भी ऐसा नहीं है जिसको कीमत न दी जा सके
कीमत केवल रुपयों से अदा नहीं होती



तो फिर युद्ध कौन करता है

वे युद्ध नहीं करते वे सिर्फ हाियार बनाते हैं
Ñ
कभी भी हथियार बनाना युद्ध करना नहीं होता?
वे मुनाफा कमा रहे हैं दुनिया भर से
और मुनाफा कमाना युद्ध करना नहीं हो सकता
मैं देखता हूं और मुझे ऐसा कहना पड़ता है

वे आक्रामक विज्ञापन और तूफानी माहौल बनाते हैं
लॉबिंग करते हैं ब्रांड, बाजार और हथियारों की
मैं फिर कहता हूं विज्ञापन करना युद्ध करना नहीं है

वे रिसर्च करते हैं धरती आसमान और आंतरिक्ष में
वे परमाुण से बिजली बनाते हैं और उससे कुछ बल्ब जलाते हैं
वे बांध बनाने के बाद उनके  सूखने के बारे में सोचते हैं

बिजली से बल्ब जलाना और नदियों के बारे में सोचना
युद्ध नहीं हो सकता -मेरा ऐसा कहना जरूरी है
और भी चीजें हैं- वे शांति की बातें करते हैं
हम सभी जानते हैं शांति की बातें युद्ध नहीं हो सकतीं?

वे संसाधनों को अपने हक में लिखते हैं
वे कहीं कब्जा करते हैं कहीं व्यापार का समझौता
कभी धरती से बहुत सा तेल निकाल लेते हैं
धरती से तेल निकालना युद्ध करना कैसे हो सकता है?

परंपराएं, शहर, गांव और जंगल उनके लिए
दुनिया में बाजारों से खाली जगहें हैं
राजधानियों में इन पर सरकारें संधियां करती हैं
वे उनके और हमारे देश को परस्पर नापते-तौलते हैं-
वे अपने साथ कभी  कोई फौजी नहीं लाते
व्यापारियों के अलावा उनके हवाई जहाज में कुछ नहीं होता
व्यापारियों को साथ लाना युद्ध है? इसे कौन युद्ध कहेगा?

मेरे देश परंपराओं को नष्ट करना वहां अपनी चीजें रखना
युद्ध कैसे हो सकता है- युद्ध तो हथियारों से लड़ा जाता है?
इसीलिए मुझे कहना पड़ रहा है कि वे युद्ध नहीं करते

वे शांति के प्र्रस्ताव लाते हैं और शांति से आते हैं
उन्हें पता है अशांति से बाजार डरता है
इसलिए शांति की बात को युद्ध नहीं कहा जा सकता

दुनिया में और भी कई चीजें हैं जो युद्ध नहीं हो सकतीं
जैसे कि फसलों के बीजों को बदल देना
खेती की तकनीक के बारे में और बातें करना
सरकारों को अपने प्रस्तावों के लिए राजी करना
यह सब करना युद्ध कैसे हो सकता है?

विज्ञापन देखकर और अखबारों को पढ़ कर
कभी नहीं समझा जा सकता कोई भी युद्ध
हमारी जगह उनका होना
या हमारे कुछ व्यापारियों का उनकी तरह हो जानाView blog
इस अदल बदल को युद्ध नहीं कहा जा सकता?
सवाल है कि युद्ध किस चीज को कहा जा सकता है?

कोई जानता हैं कि युद्ध क्या है? तो मैं जानना चाहता हूं
ताकि युद्ध के बारे में कुछ सही सही लिखा जा   सके!




   

समय की चादर


अभी समय की चादर को बिछाया है
दिन के तकिए को सिरहाने रखा है
जिÞंदगी का बहुत सा अधबुना हिस्सा यों ही पड़ा है

शहर में किस को मालूम है
अधबुनी जिÞंदगी कितनी कीमत माँगती है
कोई नहीं बताता प्यार के धागों का पता

अपने शहर को प्यार की खुमारी से देखते हुए
एक अजनबी की मुस्कान में मिलते हैं प्यार के धागे
जिÞंदगी ने अपनी मुस्कान को पूरा कर लिया है

आज दिन के तकिए पर सिर रख कर
जिÞंदगी समय के चादर पर सो रही है
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दोस्ती

दोस्तों एक राह पर साथ चलना नहीं होता
ये अहसास का सफÞर है पूरा नहीं होता

दोस्तों किसी बासीपन को लेकर नहीं चलती
इसकी राह में कोई कदम पुराना नहीं होता

दर्द जिसका चाँद-सा हो खुशी समंदर-सी
इसकी दोस्ती से कोई जहाँ बाकी नहीं होता।

जिÞंदगी की नर्सरी में हजÞार रिश्ते हैं
दोस्ती की महक वाला कोई रिश्ता नहीं होता

दर्द से लबरेज दोस्त है वादे मत करो
सामने चुप खड़े रहना कुछ काम नहीं होता



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एक उदास लड़की और मैं

कल मैं ही था उस उदास लड़की के साथ
मैंने ही उसे कहा था-
तुम्हारी उदासियाँ इस मॉल की रोशनियाँ हैं
कुछ क्षण रुक कर उसने कहा-
मैं अपने दोस्त को एक गिफ्ट छू कर आई हूँ
तब मेरी उँगलियों में बहुत उदासी थी
इसीलिए तो सारी लाइटें उदास हो गईं

चलो मैं अपन पर्स देखता हूँ मैं जÞरा-सा हँसा
और तुम भी अपना पर्स देखो
फिर कुछ दिनों तक मॉल की रोशनियाँ
हमारी आँखों में चमकती रहीं थीं



सब जगह तुम

रोजÞ काम से कमरे पर लौटता हूँ
अक्सर शाम तुम आसपास होती हो

मैं एक रंग से भर जाता हूँ
तुम शाम का रंग हो जाती हो
और मुझे शाम का रंग अच्छा लगता है
मेरी आँखों में फूलों की तरह खिलता है

मेरी आँखें फूलों की तरह दुनिया देखती हैं
और तुम सब जगह मुझे दिखाई देती हो।






आधा बिस्किट

तुम्हारे हाथों से तोड़ा आधा बिस्किट
संसार का सबसे खूबसूरत हिस्सा है
जहाँ कहीं भी आधा बिस्किट है

तुम कहाँ-कहाँ रख देती हो अपना प्यार
बिस्किटों में चारा के सुनहरे पन में
पानी के गिलास और विदा की सौंफ में

तुमने कोने कोने में रख दिया है
हर कहीं मिल जाता है तुम्हारा प्यार

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